आज का दिन भारत के इतिहास को वो स्याह पन्ना है जब अंग्रेज़ो ने भारत माता के हृदया के दो टुकड़े कर दिये । आज के दिन अखंड भारत के एक हिस्से को काट कर पाकिस्तान बना दिया गया। इस बटवारे ने न केवल भारत के दो टुकड़े किए बल्कि बंगाल को भी पूर्वी बंगाल एवं पश्चमी बंगाल बना दिया। बटवारे की खबर आते ही सरहद के दोनों तरफ दंगे भड़क गए। एसी मार-काट मची की लाखो लोग मोत के काल मे समा गए। बहुत बड़ी संख्या मे लोग बेघर हो गए। महोल ऐसा था की ये समझना मुश्किल था आजादी का जश्न मनाए ये बटवारे का मातम।
पाकिस्तान आज के दिन ही स्वतंत्रता दिवस मानता है ओर हिंदुस्तान कल यानि 15 अगस्त को। बटवारे के बाद जो जख्म भारत माता के हृदया को मिला वो आज भी हरा है। मोहम्मद आली जिन्ना की जिद के कारण पंजाब एवं बंगाल जल रहा था। पाकिस्तान से आने वाली ट्रेन मे लाशों का ढ़ेर होता । एक अनुमान के अनुसार 14-15 लाख लोग अपनी जान गवा चुके थे। बचों एवं ओरतों की चीख़ों से पूरा हिंदुस्तान गूंज रहा था। आजाद भारत का पहला भाषण देने से पहले जवाहर लाल नेहरू रो पड़े थे। 14-15 की रात को लाहोर से नेहरू जी के पास फोन आया था। वहां हिंदुओं एवं सिखों को मारा जा रहा था। नेहरू जी ये सब सुन कर इतने दुखी थे की भाषण दे पाने की स्थिति मे नहीं थे। आज भी हिंदुतन पाकिस्तान एक दूसरे के दुश्मन हैं।
आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले के प्राचीर से तिरंगा लहरा कर देश के आजाद होने पर समस्त देशवासीओ को बधाई दी। दिल्ली एवं अन्य शहरो मे ही नहीं बल्कि सुदूर गाँव मे भी जश्न का महोल थे। लोग खुशियाँ माना रहे थे , मिठाइयाँ बाट रहे थे, हवन पूजन भी कर रहे थे।
इसके साथ ही एक बहुत बड़ी समस्या भी सामने खड़ी थी। हिंदुस्तान से करीब 73 लाख मुसलमान भारत छोड़ कर पाकिस्तान चले गए थे ऑर तकरीबन 75 लाख हिन्दू ओर सीख पाकिस्तान छोड़ कर भारत आ गए थे। वहां से आए हुये लोगों के लिए रोजगार, भोजन एवं घर की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनोती थी।
आजादी के बाद भारत के शीर्ष नेताओं एवं बूरोक्राट्स ने कमान संभाली। हर चुनोती का डट कर मुक़ाबला किया। हिंदुस्तान मे कृषि, उधयोग , शिक्षा एवं अनुसंधान पर विशेष बल दिया गया। हिंदुस्तान धीरे धीरे पगति के पथ पर चल पड़ा।आज हिंदुस्तान दुनिया की पाचवी सबसे बड़ी इकॉनमी है। इसरो द्वारा भेजा गया चंद्रयान 3 इसी महीने की 23 तारीख को चाँद पर कदम रखेगा। तब भारत का स्थान स्पेस मे तीसरा होगा।
आइए हब सब भारतवासी मिल कर देश की प्रगति के लिए एकजुट हो कर काम करे। आपसी भेद भाव , उंच नीच, जातिवाद को भुला कर एक शशक्त भारत के निर्माण मे आगे बढ़े । जय हिन जय भारत।
14 अगस्त 1947
आज का दिन भारत के इतिहास को वो स्याह पन्ना है जब अंग्रेज़ो ने भारत माता के हृदया के दो टुकड़े कर दिये । आज के दिन अखंड भारत के एक हिस्से को काट कर पाकिस्तान बना दिया गया। इस बटवारे ने न केवल भारत के दो टुकड़े किए बल्कि बंगाल को भी पूर्वी बंगाल एवं पश्चमी बंगाल बना दिया। बटवारे की खबर आते ही सरहद के दोनों तरफ दंगे भड़क गए। एसी मार-काट मची की लाखो लोग मोत के काल मे समा गए। बहुत बड़ी संख्या मे लोग बेघर हो गए। महोल ऐसा था की ये समझना मुश्किल था आजादी का जश्न मनाए ये बटवारे का मातम।
पाकिस्तान आज के दिन ही स्वतंत्रता दिवस मानता है ओर हिंदुस्तान कल यानि 15 अगस्त को। बटवारे के बाद जो जख्म भारत माता के हृदया को मिला वो आज भी हरा है। मोहम्मद आली जिन्ना की जिद के कारण पंजाब एवं बंगाल जल रहा था। पाकिस्तान से आने वाली ट्रेन मे लाशों का ढ़ेर होता । एक अनुमान के अनुसार 14-15 लाख लोग अपनी जान गवा चुके थे। बचों एवं ओरतों की चीख़ों से पूरा हिंदुस्तान गूंज रहा था। आजाद भारत का पहला भाषण देने से पहले जवाहर लाल नेहरू रो पड़े थे। 14-15 की रात को लाहोर से नेहरू जी के पास फोन आया था। वहां हिंदुओं एवं सिखों को मारा जा रहा था। नेहरू जी ये सब सुन कर इतने दुखी थे की भाषण दे पाने की स्थिति मे नहीं थे। आज भी हिंदुतन पाकिस्तान एक दूसरे के दुश्मन हैं।
आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले के प्राचीर से तिरंगा लहरा कर देश के आजाद होने पर समस्त देशवासीओ को बधाई दी। दिल्ली एवं अन्य शहरो मे ही नहीं बल्कि सुदूर गाँव मे भी जश्न का महोल थे। लोग खुशियाँ माना रहे थे , मिठाइयाँ बाट रहे थे, हवन पूजन भी कर रहे थे।
इसके साथ ही एक बहुत बड़ी समस्या भी सामने खड़ी थी। हिंदुस्तान से करीब 73 लाख मुसलमान भारत छोड़ कर पाकिस्तान चले गए थे ऑर तकरीबन 75 लाख हिन्दू ओर सीख पाकिस्तान छोड़ कर भारत आ गए थे। वहां से आए हुये लोगों के लिए रोजगार, भोजन एवं घर की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनोती थी।
आजादी के बाद भारत के शीर्ष नेताओं एवं बूरोक्राट्स ने कमान संभाली। हर चुनोती का डट कर मुक़ाबला किया। हिंदुस्तान मे कृषि, उधयोग , शिक्षा एवं अनुसंधान पर विशेष बल दिया गया। हिंदुस्तान धीरे धीरे पगति के पथ पर चल पड़ा।आज हिंदुस्तान दुनिया की पाचवी सबसे बड़ी इकॉनमी है। इसरो द्वारा भेजा गया चंद्रयान 3 इसी महीने की 23 तारीख को चाँद पर कदम रखेगा। तब भारत का स्थान स्पेस मे तीसरा होगा।
आइए हब सब भारतवासी मिल कर देश की प्रगति के लिए एकजुट हो कर काम करे। आपसी भेद भाव , उंच नीच, जातिवाद को भुला कर एक शशक्त भारत के निर्माण मे आगे बढ़े । जय हिन जय भारत।